GLOBALCULTURZ ISSN:2582-6808 Vol.I No.3 September-December2020
Article-ID 2020100020/I Pages229-233 Language:Hindi Domain of Study: Humanities & Social Sciences Sub-Domain: Literature-Short Story Title: बियाबान
दिव्या विजय स्वतंत्र लेखन, राजस्थान (भारत) [E-mail: divya_vijay2011@yahoo.com[[M:+91-8287788133]
Note in English A short Story in Hindi
About the Author
समकालीन लेखन में कथा-साहित्य का चर्चित व समर्थ हस्ताक्षर। बचपन अलवर में बीता। भाषा अध्यापिका माँ व कवि नाना के सान्निध्य में लेखन का माहौल मिला। बायोटेक्नोलॉजी से स्नातक, सेल्स एंड मार्केटिंग में एम.बी.ए., ड्रामेटिक्स से स्नातकोत्तर। आठ वर्ष बैंकॉक प्रवास के बाद अब जयपुर निवास। भोगवाचक प्रेम के बरअक्स प्रेम की प्रौढ़ कहानियों के लिए ख्याति प्राप्त पहला कहानी संग्रह 'अलगोज़े की धुन पर'। दूसरी पुस्तक ‘सगबग मन’ भारतीय ज्ञानपीठ’ से प्रकाशित। हिन्दी साहित्य की मूर्धन्य पत्रिकाओं कथादेश, हंस, नया ज्ञानोदय आदि में कहानी लेखन। प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और अग्रणी वेबसाइट्स के लिए सृजनात्मक लेखन। अंधा युग, नटी बिनोदिनी, किंग लियर आदि नाटकों में अभिनय। रेडियो नाटकों में स्वर अभिनय व लेखन। मैन्यूस्क्रिप्ट कॉन्टेस्ट, मुंबई लिट-ओ-फ़ेस्ट 2017 से सम्मानित। ‘अलगोज़े की धुन पर’ के लिए 2019 का स्पंदन कृति सम्मान। ‘सगबग मन’ के लिए 2020 का कृष्ण बिहारी कथा सम्मान।
सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन, वॉयस ओवर आर्टिस्ट।
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उसको आरम्भ और अंत के खाँचों में नहीं बाँटा जा सकता था। वह जिस पल शुरू हुआ, उसी पल ख़त्म हो गया। उसने तेज़ी से झपट्टा मारा, पंजों में शिकार कसा और उतनी ही तेज़ी से चला गया। उसी के साथ मिट गया सब कुछ। क्षण भर के लिए नहीं, अनंत काल के लिए। जीवन की गति, उद्दाम चाहनाएँ, छोटी इच्छाएँ, सहज सुख, गहरे दुःख और उनका स्वामित्व रखते मनुष्य सब विलीन हो गए थे।