GLOBALCULTURZ Vol.II No.1 January-April 2021 ISSN:2582-6808
Article ID-202101029 Pages: 276-281 Language: Hindi
Domain of Study: Humanities & Social Sciences Sub-Domain: Literary Studies
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राम प्रकाश द्विवेदी
एसोसिएट प्रोफेसर, भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली (भारत)
E-mail: rampdwivedi@gmail.com [M:+91-9868068787]
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About the Author
Associate Professor, Deptartment of Hindi. Dr. Bhim Rao Ambedkar College, University of Delhi
Delhi [INDIA]
Note in English
Literary Studies
शोध सार- तोक्यो विदेशी अध्ययन विश्वविद्यालय जापान में हिंदी शिक्षण का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण संस्थान है। विश्व हिंदी शिक्षण केंद्रों में इसका बड़ा आदर है। मौलाना बरकतउल्ला भोपाली विदेशों में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ क्रांतिकारी काम में जुटे हुए थे। 1910 ई० में वे इसी सिलसिले में तोक्यो पहुँचे और विदेशी अध्ययन विश्वविद्यालय में अनौपचारिक रूप से हिंदुस्तानी-उर्दू और हिंदी-के अध्यापन का कार्य करने लगे। आज यहाँ 27 विदेशी भाषाओं का अध्यापन किया जाता है जिनमें तीन-हिंदी, उर्दू, बंगाली-भारत की ही हैं। हालाँकि कूटनीतिक कारणों से उर्दू के प्राध्यापक पाकिस्तान से आते है। हिंदी और बंगाली के भारत से। अब बंग्लादेश के लोग अपने यहाँ से अध्यापक बुलाने की माँग कर रहे हैं। आजादी के बाद हिंदी और उर्दू के स्वतंत्र विभाग विकसित हो गए थे।