GLOBALCULTURZ ISSN:2582-6808 Vol.II No.1 January-April 2021
Article-ID 202101228 Pages276-279 Language:Hindi Domain of Study: Humanities & Social Sciences Sub-Domain: Media Studies Title: मॉरीशस के स्वतंत्रता आंदोलन में हिन्दी पत्रकारिता का अवदान
पंकजेंद्र किशोर असिसटेंट प्रोफेसर, सहायक प्राध्यापक,जाकिर हुसैन दिल्ली महाविद्यालय (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (भारत)
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Note in English
Media Studies
आलेख सार— भारत की तरह मॉरीशस में भी हिन्दी पत्रकारिता का उदय और विकास आजादी की कामना से संभव हुआ। वहाँ पर भी पत्रकारिता के कारण सामाजिक-सांस्कृतिक जागरण संभव हो पाया। पत्रकारिता ने अंग्रेजों के कुकृत्य का पर्दाफाश करते हुए वहाँ के लोगों को जागृत करने का बड़ा काम किया। बीसवीं शताब्दी के आरंभिक दशक के पत्रकारों की इस दिशा में ऐतिहासिक भूमिका रही। इसी दौरान मॉरीशस में मगनलाल मणिलाल डॉक्टर द्वारा ‘हिन्दुस्तानी’ की शुरुआत हुई। इसके द्वारा हिन्दी पत्रकारिता का शंखनाद हुआ।.
बीजशब्द— मॉरीशस, स्वतंत्रता आंदोलन, हिन्दी पत्रकारिता
“किसी के भी बंधन में रहना, किसी को भी बंधन में रखना परतंत्रता है।"[1] सोलहवीं सदी से पूर्व यूरोपीय देशों को भी ‘पोप’ से मुक्ति के लिए संघर्ष करना पड़ा था और इसी मुक्ति की कामना के परिणामतः इटली में रिनेसां आया। यह पुनर्जागरण ज्ञान-विज्ञान के कारण ही संभव हो पाया। भारत में भी इस्लाम की प्रतिक्रिया, सामाजिक-धार्मिक चेतना के उदय और औद्योगिक क्रांति के कारण नवजागरण संभव हो पाया।